14 सितंबर 2025 को, बिहार के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्णिया से नेशनल मखाना बोर्ड की शुरुआत की और साथ ही ₹36,000 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट्स लॉन्च किए। ये प्रोजेक्ट्स न केवल मखाना उद्योग को बढ़ावा देंगे, बल्कि पूरे बिहार, खासकर सीमानचल क्षेत्र की तस्वीर बदलने वाले साबित होंगे।
कैसे बना नेशनल मखाना बोर्ड
- पहली घोषणा: यूनियन बजट 2025 में।
- नोटिफिकेशन जारी: 13 सितम्बर 2025 को।
- लॉन्च: पीएम मोदी ने पूर्णिया से किया।
- उद्देश्य: इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य मखाना किसानों को संगठित करना, नई तकनीक, वैल्यू ऐडिशन, मार्केटिंग, ब्रांडिंग, एक्सपोर्ट और बेहतर कीमत दिलाना है। पीएम मोदी ने इसे "Black Diamond" और 'सुपरफूड' कहकर इसकी महत्ता पर जोर दिया।
किसानों के लिए एक नया सवेरा
केंद्र सरकार ने इस पहल के लिए लगभग ₹475 करोड़ का विकास पैकेज स्वीकृत किया है। यह पैकेज बिहार के उन जिलों के किसानों को सीधे लाभ देगा, जो देश का 90% से अधिक मखाना उत्पादन करते हैं। इनमें मुख्य रूप से मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी, सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, किशनगंज और अररिया शामिल हैं। बोर्ड किसानों को उत्पादन से लेकर प्रोसेसिंग, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग और ग्लोबल एक्सपोर्ट तक हर कदम पर मदद करेगा।
₹36,000 करोड़ के मेगा प्रोजेक्ट्स: विकास का रोडमैप
ये प्रोजेक्ट्स बिहार के इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नया बूस्ट देंगे:
- पूर्णिया एयरपोर्ट का नया टर्मिनल: अब दिल्ली, कोलकाता और गुवाहाटी जैसे शहरों से सीधे उड़ानें संभव होंगी, जिससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
- Pirpainti, Bhagalpur में 3×800 MW का थर्मल पावर प्रोजेक्ट: ₹25,000 करोड़ का यह भारत का सबसे बड़ा निजी निवेश है। यह पूरे क्षेत्र को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा।
- कोसी-मेची इन्ट्रा-स्टेट रिवर लिंक प्रोजेक्ट (₹2,680 करोड़): यह प्रोजेक्ट बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
- विक्रमशिला-कटरिया (₹2,170 करोड़) और अररिया-गलगलिया (₹4,410 करोड़) रेल लाइन: ये नई रेल लाइनें यात्रा को आसान और तेज़ बनाएंगी।
- जोगबनी-दानापुर वंदे भारत एक्सप्रेस: यह हाई-स्पीड ट्रेन सेवा क्षेत्र के लोगों को पटना से जोड़ेगी।
लॉन्च का महत्व और भविष्य की उम्मीदें
इस ऐतिहासिक लॉन्च से बिहार के किसानों के लिए आय के नए रास्ते खुलेंगे। "मखाना" को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक ब्रांड के रूप में स्थापित किया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पलायन में कमी आएगी। सीमानचल क्षेत्र को सड़क, बिजली, रेलवे और हवाई कनेक्टिविटी में एक बड़ा बूस्ट मिलेगा, जिससे यह क्षेत्र आर्थिक प्रगति का नया केंद्र बनेगा।
लॉन्च का माहौल
लॉन्च इवेंट में बिहार के गवर्नर, मुख्यमंत्री, कई केंद्रीय मंत्री और स्थानीय नेता मौजूद थे। पीएम मोदी ने इस अवसर पर किसानों और जनता से सीधा संवाद किया, जिससे इस पहल का महत्व और बढ़ गया। यह एक ऐतिहासिक दिन था जिसने पूरे क्षेत्र को एक सुनहरा भविष्य का रोडमैप दिया।